राजनाथ के राफेल रिसीव करने और शस्त्र पूजा पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का तंज, सरकार ड्रामे में माहिर

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नई दिल्ली कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने फ्रांस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा देश के पहले राफेल फाइटर जेट को रिसीव करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि वायुसेना के अधिकारी भी यह काम कर सकते थे। इतना ही नहीं, फ्रांस में राफेल के हैंडओवर सेरिमनी के दौरान शस्त्र पूजा करने, जेट पर 'ऊं' लिखे जाने समेत धार्मिक रीति-रिवाजों की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि दशहरे से राफेल को जोड़ने का क्या तुक है। दीक्षित ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह कुछ भी ठोस किए बगैर हर चीज में ड्रामा करने में माहिर है। 

कांग्रेस नेता ने कहा, 'यह क्या बात हुई कि रक्षा मंत्री विमान को रिसीव कर रहे हैं, डिफेंस फोर्सेज से जुड़े लोगों को इसे रिसीव करना चाहिए। यह औरों की तरह सिर्फ एक हथियार है, जिसे आप खरीद रहे हैं। विजयादशमी का पूरा प्रसंग और राफेल एयरक्राफ्ट का आपस में कोई मेल नहीं है। यह ऐसा त्योहार है जिसे हम सभी मनाते हैं। आप इसे एक एयरक्राफ्ट के लाने से कैसे जोड़ सकते हैं? इस सरकार के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि बिना कोई ठोस काम किए हर चीज को नौटंकी बना देते हैं।' 

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दशहरे और वायुसेना दिवस के मौके पर मंगलवार को फ्रांस में देश के पहले राफेल फाइटर जेट को रिसीव किया। इस दौरान उन्होंने राफेल विमान पर 'ऊं' लिखा और दशहरे के मौके पर होने वाली पारंपरिक शस्त्र पूजा भी की। राफेल के पहियों के नीचे नींबू भी रखे गए। बाद में राजनाथ सिंह ने करीब आधे घंटे तक राफेल में उड़ान भी भरी। 

भारत ने 2016 में 59,000 करोड़ रुपये में फ्रांस सरकार से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था। भारत में राफेल की पहली खेप मई 2020 में आएगी। उससे पहले भारत के पायलटों और वायुसेना के अफसरों को फ्रांस में जरूरी ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी 36 लड़ाकू विमानों के सितंबर 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है।