भोपाल। राजधानी के कोहेफिजा थाना इलाके मे स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज जीएमसी के हॉस्टल के रूम में घुसकर छात्रा से अशलील छेडछाड और धमकी देकर लूट के मामले में जूनियर डाक्टर्स डीन को हटाने की मांग को लेकर तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखे हुए हैं। पुलिस और प्रशासन द्वारा उन्हें समझाईश देने की कोशिशे जारी हैं। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह भी पुलिस के आला अधिकारियों ने जूडा से बात की पर इसका कोई परिणाम नही निकला। वही तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा आरोपी के न पकड़े जाने से जीएमसी छात्र खासे नाराज हैं। जुडा द्वारा जल्द आरोपी की गिरफ्तारी और डीन को न हटाए जाने के हालत में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी जा रही है। जानकारी के अनुसार पुलिस जांच में सामने आया है कि पीडि़ता के मोबाइल फोन की लास्ट लोकेशन छात्रा के हॉस्टल में ही शनिवार तड़के पांच बजे ट्रेस की गई है। अधिकारियो के अनुसार चार मंजिला हॉस्टल में करीब दो सौ लड़कियां रहती हैं। जिसकी निगरानी चार कैमरों के माध्यम से की जाती है। चार में से तीन कैमरे चालू हैं, जबकि एक बंद है। उक्त तीनों कैमरों में आरोपी के फुटैज नहीं मिले हैं। वारदात का संदेह हॉस्टल में किसी आने-जाने वाले करीबी व्यक्ति पर ही है। जल्द आरोपी को पकड़कर मामले का खुलासा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी बीच सोमवार को भी खबर लिखे जाने तक जूडा की हड़ताल जारी रही। हमीदिया अस्पताल में जूडा की हड़ताल के चलते मरीजों को खासी परेशानियो का सामना करना पड रहा है। जूडा ने शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात कोहेफिजा थाने के नाईट अधिकारी बीके पांडे व अन्य ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग की है। इसी के साथ जूडा डीन डाक्टर अरूणा कुमार को हटाने के बाद ही काम पर लौटने की बात पर अडे है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है, कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर आने वाले दिनों में हड़ताल पर चले जाएंगे। इसी दोरान मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री आरिफ अकील ने गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ अरुणा कुमार को तुरंत प्रभाव से डीन के पद से हटाने की मांग की है। आरिफ अकील का कहना है, कि डॉ अरुणा कुमार जिस दिन से डीन बनी है उस दिन से गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल अव्यवस्थाओं का अड्डा बन गया है और करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी वहां पर मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। आरिफ अकील ने आगे कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज में लड़कियों के हॉस्टल में हुई घटना बेहद शर्मनाक है और इस घटना को रोकने में डीन की असफलता साफ तौर पर दिखाई दे रही है। इस घटना के बाद उन्हें तुरंत पद से हटा देना चाहिए। मत्री अकील ने यह भी कहा कि डीन डॉ अरुणा कुमार की नियम विरुद्ध नियुक्ति हुई है और उनकी नियुक्ति के खिलाफ भी वे पहले पत्र लिख चुके हैं, बावजूद इसके अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। आरिफ ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से मांग की है कि डॉ अरुणा कुमार को तुरंत पद से हटाकर किसी योग्य व्यक्ति की इस पद पर नियुक्ति की जाए ताकि अस्पताल और कॉलेज की व्यवस्था सुधारी जा सके।
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