आदित्य ठाकरे ने पेड़ो को काटने के विरोध में लिखा कि जिस तरह से मुंबई मेट्रो फेज 3 के नाम पर पेड़ों को धूर्तता से काटा जा रहा है, वह शर्मनाक और गलत है. यह कैसा रहेगा अगर इन अधिकारियों की नियुक्ति पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कर दी जाए और वे पेड़ों की जगह आतंकी शिविरों को तबाह करें.
हाई कोर्ट के बाद आरे कॉलोनी में जारी है पेड़ों की कटाईविरोध में उतरे शिवसेना यूथ विंग के अध्यक्ष आदित्य ठाकरेप्रदर्शनकारी मेट्रो रेल साइट पर पहुंचकर जता रहे विरोध
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच गठबंधन का ऐलान तो हो गया है लेकिन चुनाव से ठीक पहले दोनों राजनीतिक पार्टियां आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर अलग-अलग राय रखने लगी हैं. दोनों राजनीतिक पार्टियों में गठबंधन तो है लेकिन पर्यावरण के मुद्दे पर नहीं.
शिवसेना जहां आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटान पर ऐतराज जता रही है, वहीं बीजेपी के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट बेहद जरूरी है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कई बार जता चुके हैं कि मुंबई के आरे में मेट्रो कार शेड हर हाल में बनना है. इसके लिए आरे के जंगलों के 2700 पेड़ काटे जा सकते हैं, क्योंकि यह वन क्षेत्र नहीं है.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा विंग के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे, महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं. एक के बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने पेड़ों की कटान पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
पेड़ काटने पर ऐतराज
आदित्य ठाकरे ने पेड़ों को काटने के विरोध में लिखा कि जिस तरह से मुंबई मेट्रो-3 के नाम पर पेड़ों को धूर्तता से काटा जा रहा है, वह शर्मनाक और गलत है. यह कैसा रहेगा अगर इन अधिकारियों की नियुक्ति पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कर दी जाए और वे पेड़ों की जगह आतंकी शिविरों को तबाह करें.
एक अन्य ट्वीट में आदित्य ठाकरे ने कहा कि बहुत से पर्यावरणविद् और शिवसेना के स्थानीय सदस्यों ने पेड़ों के काटे जाने का विरोध किया है. जिस तरह से वहां पुलिस मौजूद है, मुंबई मेट्रो-3 वह सबकुछ तबाह कर रही है, जिसे भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है.
इकोसिस्टम की तबाही!
एक अन्य ट्वीट में आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह कोई आधार ही नहीं बनता केंद्र सरकार का मिनिस्ट्री ऑफ क्लाइमेट चेंज अस्तित्व में रहे, या प्लास्टिक पॉल्यूशन पर बोले. मुंबई-मेट्रो-3 अविवेकपूर्ण तरीके से क्षेत्र के इको सिस्टम को तबाह कर रही है. मुंबई मेट्रो-3 के अहम की लड़ाई इसके बनने के उद्देश्य को खत्म कर रही है.
आदित्य ठाकरे के ट्वीट के बाद शिवसेना के कई बड़े नेता मौके पर पहुंचे हैं. एक ट्वीट में उन्होंने शीतल मात्रे, प्रभु सुनील का जिक्र करते हुए कहा कि लोग जनता के लिए वहां खड़े हैं. मुझे आश्चर्य हो रहा है कि मुंबई मेट्रो-3 लोगों से अपराधियों की तरह बर्ताव कर रही है और बेहद जरूरी मांगों को अनसुना कर रही है.
रात के अंधेरे में शर्मनाक प्रोजेक्ट!
आदित्य ठाकरे ने कहा कि एक प्रोजेक्ट को गर्व के साथ अंजाम देना चाहिए. लेकिन मेट्रो-3 का प्रोजेक्ट रात के अंधेरे में शर्मिंदगी के साथ और भारी पुलिस सुरक्षा में हो रहा है. एक प्रोजेक्ट जो मुंबई की हवा खत्म करेगा, एक जंगल तबाह करेगा, तेंदुआ और बिल्ली की बड़ी प्रजातियों को हैक करेगा.
शिवसेना का अपने सहयोगी से चुनाव से पहले ही अलग रुख रखना गठबंधन पर कितना असर डालेगा यह देखने वाली बात होगी. विकास के नाम पर देवेंद्र फडणवीस फिलहाल यह लड़ाई जीतते हुए नजर आते हैं. दरअसल आरे के जंगलों को कटने से बचाने की लड़ाई लड़ रहे लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं को बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले से झटका लगा है.
वन क्षेत्र नहीं हैं आरे के जंगल
बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मुंबई के आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज करने के बाद शुक्रवार को पेड़ काटने का काम शुरू हो गया. जिसके कुछ देर बाद प्रदर्शनकारी भी वहां पहुंच गए और मेट्रो रेल साइट पर जमकर नारेबाजी की.
कटान का हो रहा विरोध
लोग पेड़ों के काटने का विरोध कर रहे हैं. बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, फिल्मकार ओनिर समेत कई बड़ी हस्तियां ट्विटर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. काटे जा रहे पेड़ों के वीडियो को ट्वीट कर रहे हैं. विरोध में लोग यह भी लिख रहे हैं कि आरे कॉलोनी को बर्बाद किया जा रहा है.
मतदान से पहले मतभेद!
आपको बता दें कि महाराष्ट्र (288 सीटें) में 21 अक्टूबर को मतदान होना है, राज्य के नतीजे हरियाणा के साथ ही 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार भी वर्तमान मुख्यमंत्रियों के साथ ही अपनी जीत को दोहराना चाहती है. महाराष्ट्र में बीजेपी 150, तो शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जबकि 14 सीटें सहयोगी पार्टियों को दी गई हैं. लेकिन चुनाव से पहले ही शिवसेना और बीजेपी का आरे के मुद्दे पर मतभेद उभरकर सामने आ गया है.