बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) से पश्चिम बंगाल (West Bengal) की रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता (Rape Victim) को न्याय (Justice) मिला है. हाईकोर्ट जस्टिस आर. सी. एस सामन्त के सिंगल बेंच ने दुष्कर्म के आरोपी शुभम लालवानी को मिली अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) को निरस्त कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने आरोपी को सरेंडर (surrender) करने का निर्देश दिया है.
पूरा मामला
बता दें की पश्चिम बंगाल की रहने वाली ये युवती रायपुर में रहकर काम कर रही थी. इस दौरान उसकी पहचान राजनांदगांव जिले के रहने वाले शुभम लालवानी से हुई. युवती किसी काम से बिलासपुर अपने किसी परिचित के यहां गई थी. आरोपी शुभम भी उसके पीछे-पीछे बिलासपुर आ गया. इस दौरान युवती को मकान में अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के बाद युवती को शादी करने की बात कही पर बाद में मुकर गया.
पीड़िता ने सरकंडा थाने में आरोपी युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद पीड़िता ने 3 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद ही मामले में पैरवी की. मामले में हाईकोर्ट ने बिलासपुर पुलिस को आरोपी युवक को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. पुलिस ने मामला दर्ज कर कोर्ट को बताया कि आरोपी फरार है. उसे पड़ने के लिए पुलिस ने इनाम की घोषणा की.
युवती ने कोर्ट में पुलिस के इस जवाब पर जस्टिस से कहा कि पुलिस कोर्ट को गुमराह कर रही है जबकि आरोपी ने इसी हाईकोर्ट के दूसरे बेंच से जमानत ले ली है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने युवती के केस को जस्टिस सामन्त के बेंच में रेफर कर दिया, जहां युवती ने कोर्ट को सारी कहानी बताते हुए आरोपी के जमानत को निरस्त कर कार्रवाई करने की मांग की थी.