स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने ग्वालियर में चम्बल तथा ग्वालियर संभाग के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी संभागों में इस तरह बैठक आयोजित कर शासकीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। डॉ. चौधरी ने विद्यालयों के उन्नयन, छात्र-छात्राओं को दी जा रही सुविधाओं और शिक्षकों के कल्याण के लिये किये जा रहे प्रयासों तथा निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि 19 अक्टूबर को सभी शासकीय स्कूलों में पालक-शिक्षक संघ की बैठक आयोजित की जायेगी।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था में जनप्रतिनिधि और जनसमुदाय को भी जोड़ा जाये। शासकीय विद्यालयों का वातावरण ऐसा बनाये कि माता-पिता स्वयं अपने बच्चों को प्रायवेट स्कूलों में पढ़ाने के बजाय सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिये भेजें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि समय पर स्कूल पहुँचे और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। नकल की प्रवृत्ति को रोकें। डॉ. चौधरी ने कहा कि बेहतर परीक्षा परिणाम लाने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जायेगा। साथ ही स्कूलों में समय पर उपस्थित न होने और अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह शिक्षकों के प्रति कार्यवाही भी की जायेगी।
समीक्षा बैठक में सर्वशिक्षा अभियान की संचालक श्रीमती आईरिन सिंथिया जेपी ने पॉवर प्वाइंट के माध्यम से स्कूलों में दक्षता उन्नयन कार्यक्रम, अंकुर, तरूण, उमंग, छांव समूहों और बोर्ड परीक्षा के विश्लेषण, टीचिंग, कॉपी चैकिंग, शाला प्रबंधन, एक परिसर-एक शाला, मिशन एक हजार तथा जीवन कौशल शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत तथा ग्वालियर और चंबल संभाग के आयुक्त और कलेक्टर्स तथा जिला शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।