स्ट्रांग रूम के CCTV डेढ़ घंटे बंद रहे

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मंगलवार को भैरो घाट से डायवर्ट किया गया सीवेज जाजमऊ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच गया। इसके साथ ही नमामि गंगे का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट भी सफल हो गया है।
गंगा को निर्मल व स्वच्छ बनाने की दिशा में बहुत बड़ी पहल को कामयाबी मिली है। यह बेहद चुनौती भरा कदम था जिसे लेकर जल निगम व नमामि गंगे के इंजीनियर सांसत में थे। पहले इस नाले से 14 करोड़ लीटर सीवेज गंगा में गिराता था मगर इसमें से 8 करोड़ लीटर सीवेज कुछ दूर पहले ही मोड़कर एसटीपी तक भेज दिया गया था। यह अलग बात है कि महज 6 करोड़ लीटर गंदगी गंगा में जाने से रोकने में इंजीनियरों की सांसें फूल गई थीं क्योंकि नाले का वेग किसी नहर के समान ही था। ढलान से पंप करके इसे 9.5 किलोमीटर दूर एसटीपी तक पहुंचाना बेहद मुश्किल कार्य था क्योंकि जेएनएनयूआरएम की दागदार पाइप लाइन के साथ ही रूट पर ब्रिटिश जमाने का डॉट नाला भी है।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने शुक्रवार को सुबह भोपाल जेल स्थित ईवीएम स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी के बंद होने की घटना को बड़ी साजिश करार देते हुए तत्काल कलेक्टर सुदाम पी खाड़े को पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अपनी आसन्न हार से घबराई भाजपा अनैतिक तरीकों को अपनाकर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करते हुए कलेक्टर सुदाम पी खाड़े को हटाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

गौरतलब है कि भोपाल की पुरानी जेल में जो वोटिंग मशीन रखी हुई है, वहां के सीसीटीवी कैमरा लगभग 2.30 घंटे के लिए बंद किये गए। हंगामे के बाद 1.20 बजे चालू किये गए, लेकिन इनमें भी 15 मिनट की रिकॉर्डिंग ही लूप पर बार-बार चलाये जाने की आशंका है। अग्रवाल ने बताया कि खबरों से पता चला है कि ये सीसीटीवी कलेक्टर के आदेश से बंद किये गए थे। वहीं जेल में जनरेटर की व्यवस्था भी नहीं कि गयी थी। सीसीटीवी बंद होने की घटना के बाद जनरेटर बुलाये गए। जेल के अंदर 10-12 लोग दिख रहे थे, लेकिन किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। न ही वहां कोई जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित रहा। ये सारा घटनाक्रम घनघोर लापरवाही और बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है।

अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि प्रशासन ने जो जानकारी दी, उसमें दो एलईडी का जिक्र किया गया है, जबकि बाहर हमें सिर्फ तीन कैमरे का इमेज दिख रहा है जिसमे स्ट्रांग रूम का कैमरा हर 10 से 15 मिनट में जल बुझ हो रही है या तो कनेक्शन में समस्या है या फिर ये कैमरा लूप किया गया है। वहीं अंदर स्ट्रांग रूम तक कोई दूसरी एलईडी नहीं पायी गई। अंदर स्ट्रांग रूम तक हमें नहीं जाने दिया गया। बैरीकेट लगा कर रोक दिया गया है और स्ट्रांग रूम के बाहर का दरवाजा खुला हुआ था, जिसमें एक सीआरपीएफ का जवान वीडियोग्राफी कर रहा था।